तुझे मुझसे चुराकर कोई और ले गया।

"तुझे मुझसे चुराकर कोई और ले गया प्यार किया मैंने तुझे कोई और ले गया सजाया-संवारा मैंने और तुझे कोई और ले गया अरमां दिल में था की तू मेरी होगी पर ऐसा ना हो सका और ना जाने वह कौन सी बुरी घड़ी थी जो तुझे मुझ से छीन कर कोई और ले गया।"
राम कसम तू मेरी थी तेरे हर सांसो से निकली खुशबू मेरी थी पर ना जाने यह खुशबू कौन ले गया तुझे मुझसे चुराकर कोई और ले गया।
तूने भी तो दिल से चाहा था मुझे पर ना जाने किस्मत ही खराब थी मेरी कि तुझे मुझसे चुरा कर कोई किस्मत वाला ले गया अब तो चारों तरफ अंधेरा सा छा गया मेरी जिंदगी में खोजता भी हूं तुझे तो तू न जाने किस जगह चली गई कि  मुझे मिलती नहीं।
अंधेरा इस कदर छा गया मेरी जिंदगी में कि तू कहीं भी नजर आती नहीं।
तुझे पाना तो किस्मत की बात है पर     “न मैंने हार मानी ना तू ने मानी हार ”फिर भी हम दोनों किस्मत से गए हार जिंदगी में मैंने हर हर बर्दाश की पर अब यह हार बर्दाश्त नहीं होती हर पल तेरी यादों में मरता हूं मगर ना जाने क्यूं मेरी जिंदगी खत्म नहीं होती लाख बार कोशिश किया कि मर जाऊं या मार दूं तेरी यादों को पर कुछ वादे जो किए हमने वह मुझे रोक लेती है आज फिर से सो गया तेरी यादों में तेरी मेरे प्यार सपने खो गया चाहा था चांद से भी ज्यादा पर तुझे मुझसे चुराकर कोई और ले गया।
written by Rishi kapoor...............


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