प्यार की कुंडली

मिल गए गुण मिल गई कुंडली हम रह गए अकेले क्योंकि वह हो गई मंगली।
प्यार हमने किया किसी से पूछना न था हर पल बात हमने कि किसी ने ना रोका आज जब की बात हमने शादी की तो दोष कुंडली का निकाल दिया फिर भी कसम खा रखी थी हम दोनों ने की मिलना तो है ही हमें इस जन्म में नहीं तो इस जन्म में मिलेंगे हम दोनों। मैंने कहा उस जन्म का को किसने देखा है प्यार इस जन्म का है तो मिलेंगे भी इस जन्म में। 
उसने कहा तुम्हें जो अच्छा लगे वह करो हमने कहा हंसते हुए मुझे तो तुम ही अच्छे लगे तभी तो मरता हूं तुम पर तुम्हारे साधारण विचारों पर वह भी कम ना थी कह दी हमें अब कोई नहीं रोक सकता मिलने से चाहे वह "कुंडली हो या मंगली" यह सुनते ही उत्साह भरी नजरों से देखा उसको और कहा तुम चिंता ना करो मिलना तो है ही हमें, तो बस क्या था शुरू कर दी मैंने तैयारी दूल्हा बनने की और उसने अपनी दुल्हन बनने की, उसने मुझसे कहा अगर हम न मिल सके तो क्या होगा मैं तो जीते जी मर जाऊंगी। 
मैंने भी कहा अरे पगली क्या तू मर जाएगी तो क्या मैं तेरे बिना रह लूंगा मेरी बात सुनते ही उसकी आंखों में पानी आ गए उसकी आंखों के पानी देखकर मैं खुद को न रोक सका और मेरी आंख भी उसके लिए हो गए।
पल ऐसा था कि बस हम ही हैं और कोई नहीं मैंने उससे कहा पगली रो क्यों रही है और मुझे भी रुला रही है तू क्या चाहती है" उसने कहा प्यार भरी नजरों से देखते हुए मुझे मैं तुम्हें चाहती हूं अपना बनाना चाहती हूं" तो बस क्या था बात किया हमने अपने अपने परिवार से...........

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